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बिहार में सीएम पद की दौड़: नीतीश कुमार पर जेडी(यू) द्वारा हटाए गए पोस्ट से सत्ता संघर्ष की चर्चा | Khabarforyou

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बिहार विधानसभा चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने शानदार जीत दर्ज की है, लेकिन जश्न के बीच एक बड़ा राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया है! हर किसी की जुबान पर एक ही सवाल है: बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?

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वो ट्वीट जो गायब हो गया: "नीतीश कुमार ही रहेंगे CM"

इस पूरे विवाद की शुरुआत जनता दल (यूनाइटेड) यानी JD(U) के एक इकलौते और सनसनीखेज ट्वीट से हुई, जिसे दिग्गज नेता नीतीश कुमार की पार्टी ने पोस्ट किया था।

डिलीट किए गए पोस्ट में लिखा था:


"न भूतो न भविष्यति (ऐसा पहले कभी नहीं हुआ और न होगा)। नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री थे, हैं और रहेंगे।"

यह पोस्ट एक स्पष्ट और आत्मविश्वासी घोषणा थी। यह उस नेता की पार्टी से अपेक्षित था जो लगभग 20 वर्षों से सीएम हैं और रिकॉर्ड 10वीं बार इस पद पर नजर गड़ाए हुए हैं!

लेकिन, कहानी में मोड़ देखिए: JD(U) ने इस ट्वीट को कुछ ही मिनटों बाद रहस्यमय तरीके से डिलीट कर दिया! 

इस त्वरित डिलीट (हटाने) ने सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर तूफान खड़ा कर दिया है। जीत के बाद एक साधारण-सी घोषणा को क्यों मिटा दिया गया? इस हाई-वोल्टेज सस्पेंस की जड़ मौजूदा सत्ता संघर्ष में है।


चर्चा का असली कारण: बीजेपी की दमदार परफॉर्मेंस

डिलीट किए गए ट्वीट और तमाम अटकलों का एक ही मुख्य कारण है: चुनाव परिणाम में बीजेपी का सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरना!

पुरानी गतिशीलता टूटी: पारंपरिक रूप से, नीतीश कुमार की JD(U) को बिहार NDA में 'बड़ा भाई' माना जाता था।

नई हकीकत: इस बार, बीजेपी ने न केवल समान सीट-साझाकरण पर जोर दिया (दोनों पार्टियों ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ा), बल्कि JD(U) से अधिक सीटें भी जीतीं, जो राज्य में उनकी बढ़ती ताकत को दर्शाता है।

हालांकि बीजेपी ने चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा था, लेकिन उन्होंने कभी औपचारिक रूप से घोषणा नहीं की कि जीत के बाद उन्हें ही मुख्यमंत्री पद दिया जाएगा। वे शीर्ष पद को बातचीत के लिए खुला रखना चाहते थे, बस इतना कहा कि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया।

नेतृत्व के तहत चुनाव लड़ने और उन्हें CM की कुर्सी की गारंटी देने के बीच का यह सूक्ष्म अंतर ही अब इस राजनीतिक सस्पेंस का मुख्य स्रोत है।


क्या बीजेपी का कोई नेता ले सकता है CM की कुर्सी?

NDA की जीत तो बड़ी है, लेकिन बीजेपी के संख्या बल को देखकर ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे अपने किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने की कोशिश कर सकते हैं।


महाराष्ट्र की मिसाल

राजनीतिक विश्लेषक हाल ही के एक राष्ट्रीय उदाहरण की ओर इशारा कर रहे हैं:

2024 महाराष्ट्र चुनावों में, बीजेपी अपने सहयोगी एकनाथ शिंदे को सीएम चेहरा बनाकर मैदान में उतरी थी। हालांकि, बीजेपी के दमदार प्रदर्शन के बाद, मुख्यमंत्री पद अंततः बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को मिला।

क्या बिहार में भी "महाराष्ट्र मॉडल" दोहराया जा सकता है?


सम्राट चौधरी: प्रबल दावेदार

एक नाम जो मुख्यमंत्री पद के लिए एक मजबूत विकल्प के तौर पर लिया जा रहा है, वह हैं सम्राट चौधरी, जो वर्तमान में उप-मुख्यमंत्री हैं और बिहार में बीजेपी का एक प्रमुख चेहरा हैं।

वह अपने मजबूत संगठनात्मक कौशल और बिहार की राजनीति में गहरे अनुभव के लिए जाने जाते हैं।

उनका उदय राज्य में बीजेपी के अपने नेतृत्व को आगे बढ़ाने के इरादे का स्पष्ट संकेत है।


नीतीश कुमार क्यों अब भी एक बड़ी ताकत हैं

बीजेपी के शानदार प्रदर्शन के बावजूद, नीतीश कुमार ऐसे नेता नहीं हैं जिन्हें आसानी से किनारे किया जा सके। वह लगभग दो दशकों के अनुभव के साथ एक राजनीतिक दिग्गज हैं, और बीजेपी जानती है कि वे उन्हें नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकते।

सामाजिक आधार: महिला मतदाताओं और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (EBC) के बीच उनकी लोकप्रियता जगजाहिर है। इन समूहों को लक्षित करने वाली उनकी विकास और कल्याणकारी योजनाओं को NDA की बड़ी जीत का प्रमुख कारण माना जाता है।

गठबंधन के सूत्रधार: उन्होंने बार-बार साबित किया है कि वह बिहार में NDA के लिए सबसे स्थिर और एकजुट करने वाले कारक हैं।

जीत का जश्न मनाते हुए पटना भर में पोस्टर पहले ही लग चुके हैं, जिन पर साफ लिखा है: "25 से 30, फिर से नीतीश"। जमीन पर लोग स्पष्ट रूप से उनके ही जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं।


आगे क्या? सबकी निगाहें गठबंधन पर

डिलीट किया गया ट्वीट सिर्फ एक सोशल मीडिया की गलती नहीं है—यह पर्दे के पीछे चल रहे वास्तविक सत्ता संघर्ष का डिजिटल प्रतिबिंब है।

क्या बीजेपी, अपने बड़े संख्या बल के बावजूद, गठबंधन की अलिखित समझ का सम्मान करेगी और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए CM की कुर्सी नीतीश कुमार को वापस सौंप देगी?

या बीजेपी अपनी नई ताकत का इस्तेमाल करके अपनी पार्टी के नेता को आगे बढ़ाएगी, जो बिहार में एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत करेगा?

सस्पेंस बहुत बड़ा है! पूरा देश देख रहा है कि राजनीतिक शह और मात के इस खेल में बिहार का अगला मुख्यमंत्री कौन बनता है।

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