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ऑपरेश के बाद महिला के पेट मे छोड़ा रुई का टूकड़ा, डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा #Operation #Dr #KFY #KFYNEWS #KHABARFORYOU #NATIONALNEWS

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मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में एक डॉक्टर के खिलाफ एक आपराधिक मामले को रद्द कर दिया, जिस पर 2016 में बच्चे के जन्म के ऑपरेशन के दौरान एक महिला के पेट में रुई छोड़ने का आरोप था यह मुकदमा डॉ. आशारानी बनाम मध्य प्रदेश राज्य और अन्य के बीच चल रहा था न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने कहा कि फोरेंसिक प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अभाव में यह स्थापित करना असंभव है कि स्पंज आरोपी द्वारा छोड़ दिया गया था कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की राय को भी ध्यान में रखा, जिसमें कहा गया था कि एक स्पंज यानी की रुई किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाए वर्षों तक मरीज के पेट में रह सकता है भले ही यह दूसरे ऑपरेशन के दौरान परेशानी पैदा कर सकता है

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पेट मे सड़ने लगा था स्पंज

बार एंड बेंच की की रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने कहा, ‘बोर्ड ने यह भी कहा है कि यदि याचिकाकर्ता के पेट से प्राप्त सैंपल एफएसएल को भेजा गया था, तो उस स्थिति में, पेट में स्पंज कितने समय के लिए छोड़ा गया था, इसकी अवधि का पता लगाया जा सकता था हालांकि, एफएसएल की अनुपस्थिति में रिपोर्ट, ऐसी जानकारी जुटाना संभव नहीं है’ मरीज प्रीति नेमा को प्रसव पीड़ा होने पर दिसंबर 2016 में सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था वहां उनका ऑपरेशन किया गया और उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया यह उनकी दूसरी डिलीवरी थी बाद में पता चला कि उनके पेट में कोई बाहरी चीज पड़ी है जब उनका दोबारा ऑपरेशन किया गया तो पता चला कि पहले वाले ऑपरेशन के दौरान उनके पेट में एक स्पंज रह गया था और वह दूषित हो गया था और सड़ने लगा था

पीड़िता ने दर्ज करवाया मामला

नेमा ने अपनी शिकायत में डॉ. आशारानी पर प्रसव प्रक्रिया के दौरान पेट में रूई छोड़ देने का आरोप लगाया था शिकायत के कारण प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई कोर्ट ने कहा, डॉ. आशारानी के खिलाफ आरोप पत्र केवल इस आधार पर दायर किया गया था कि मरीज के पेट में स्पंज छोड़ना उनकी लापरवाही थी हालांकि, एफएसएल रिपोर्ट के बिना इसे स्थापित करना संभव नहीं था

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