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Axiom-4 Mission: ISS से शुभांशु शुक्ला की प्रेरणादायक विदाई

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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से विदाई भाषण दिया, जिसमें उन्होंने अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की महत्वाकांक्षी यात्रा पर ज़ोर दिया।

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भारत के लिए एक नया युग: शुक्ला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि 41 साल पहले जब किसी भारतीय ने पहली बार अंतरिक्ष में कदम रखा था, "आज का भारत अंतरिक्ष से महत्वाकांक्षी दिखता है, आज का भारत निडर दिखता है, आज का भारत आत्मविश्वास से भरा दिखता है, आज का भारत गर्व से भरा दिखता है... आज का भारत अभी भी 'सारे जहाँ से अच्छा' दिखता है।"

आगे का सफ़र: उन्होंने स्वीकार किया कि अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत का रास्ता "लंबा और कठिन हो सकता है, लेकिन इसकी शुरुआत हो चुकी है।"

एक्सिओम-4 मिशन विवरण

मिशन प्रक्षेपण: शुक्ला सहित चार सदस्यीय एक्स-4 मिशन 25 जून को रवाना हुआ और अगले दिन अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पहुँच गया।

विस्तारित प्रवास: हालाँकि शुरुआत में 14 दिनों की योजना बनाई गई थी, लेकिन प्रतिकूल मौसम के कारण उनके मिशन को लगभग तीन दिन बढ़ा दिया गया।

चालक दल के सदस्य: एक्स-4 चालक दल में शामिल थे:

- अमेरिका की पैगी व्हिटसन

- भारत के शुभांशु शुक्ला

- पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विश्निएव्स्की

- हंगरी के टिबोर कापू

विदाई भाषण: सभी चार एक्स-4 अंतरिक्ष यात्रियों ने एक विदाई समारोह में भाषण दिया, जिसमें आईएसएस के सात मौजूदा चालक दल के सदस्य भी शामिल थे।

शुक्ला के अनुभव से मुख्य बातें

अविश्वसनीय यात्रा: ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने अपनी यात्रा को "अविश्वसनीय और आईएसएस पहुँचने के बाद से मेरी कल्पना से कहीं बढ़कर" बताया।

मूल्यवान सीखें: उन्होंने "आईएसएस से सुखद यादें और सीख" वापस लेने पर ज़ोर दिया, उनका मानना था कि किए गए वैज्ञानिक प्रयोगों के "विज्ञान से कहीं आगे" बड़े निहितार्थ होंगे।

सहयोग की शक्ति: शुक्ला ने एक्स-4 मिशन में सहायता के लिए आईएसएस के सभी चालक दल के सदस्यों के संयुक्त प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "एक चीज़ जो मैं वापस ले जा रहा हूँ, वह यह है कि जब हम एक समान लक्ष्य के साथ काम करते हैं, तो मानवता क्या हासिल कर सकती है और क्या करने में सक्षम है।"

वापसी यात्रा और भविष्य के निहितार्थ

अनडॉकिंग कार्यक्रम: ड्रैगन अंतरिक्ष यान की अनडॉकिंग भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे निर्धारित थी।

स्प्लैशडाउन: यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो कैलिफ़ोर्निया तट के पास स्प्लैशडाउन मंगलवार दोपहर को होने की उम्मीद है।

पुनर्वास: अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुकूल होने के लिए फ़्लाइट सर्जनों की देखरेख में सात दिनों के पुनर्वास कार्यक्रम से गुज़रेंगे।

इसरो का दृष्टिकोण:

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने पुष्टि की है कि शुक्ला ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर सभी नियोजित वैज्ञानिक प्रयोग सफलतापूर्वक किए।

भारत द्वारा संचालित इन सूक्ष्म-गुरुत्व प्रयोगों को "अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एक महत्वपूर्ण छलांग" माना जा रहा है।

इन प्रयोगों के निष्कर्षों से "गगनयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और भविष्य के ग्रहीय मिशनों के लिए महत्वपूर्ण ज्ञान का योगदान" मिलने की उम्मीद है।

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