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एकात्मता की मूर्ति का हुआ अनावरण

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एकात्मता की मूर्ति का हुआ अनावरण ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य के 108 फीट प्रतिमा का आज अनावरण किया गया।
मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में 108 फीट ऊंची आदि शंकराचार्य की मूर्ति बनाकर तैयार हुई है जिसका आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अनावरण किया गया।
खंडवा स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह नर्मदा नदी के किनारे हैं।



इस मूर्ति के निर्माण में स्टेनलेस स्टील, कांसे में तांबा जस्ता व टिन धातुओं के मिश्रण का उपयोग किया गया है। मूर्ति में 12 वर्षीय शंकराचार्य के बाल स्वरूप की झलक दिखाई गई है।
9 फरवरी 2017 को शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा कार्यक्रम के दौरान विभिन्न संतों की उपस्थिति में इस मूर्ति को बनाने की घोषणा की थी। उनके मन में यह विचार आया कि इस ज्योतिर्लिंग में कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे आज की युवा पीढ़ी आदि शंकराचार्य के जीवन के बारे में जा सके वह अद्वैत वेदांत को समझ सके।
आदि शंकराचार्य का जन्म केरल में हुआ था। केरल से लंबी पद यात्रा करके वे अपने बाल रूप में ही ओंकारेश्वर पहुंचे थे इसीलिए यहां उनके बाल स्वरूप की मूर्ति बनाई गई है यहां उन्हें गुरु के रूप में भगवत्पाद मिले थे।
मूर्ति को रूप देने से पहले देश भर के कई चित्रकारों से आदि शंकराचार्य के बाल रूप की पेंटिंग बनाने के लिए कहा गया था जिनमें से प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत की पेंटिंग को चुना गया। पेंटिंग के आधार पर मूर्ति को बनाने का कार्य शिल्पकार भगवान राम पूरे द्वारा किया गया है। उन्होंने पहले 3.5 फीट तथा फिर 11 फीट की मूर्ति बनाई।
उज्जैन में महाकालेश्वर धाम से वहां की आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। इसी तरह खंडवा में भी पर्यटन स्थल बनने से लोगों में सनातन व अध्यात्म के संदेश के साथ-साथ यहां के आर्थिक पक्षों को भी मजबूत करने में सहायता मिलेगी।


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